100+ Heart Touching Sad Shayari in Hindi
Tears in Verses: Hindi Sad Shayari
इस ब्लॉग में हम आपके लिए लाए हैं सदाबहार और भावनाओं से भरपूर Sad Shayari in Hindi । यहाँ पर आपको हर दर्द और दुःख का अनुभव होगा जो दिल को छू जाएगा और आपके मन को शांति देगा। हमारे शेरों में छिपा है वो गहराई जो आपके भावनाओं को समझने में मदद करेगा। आइये, इस अनूठी शायरी के संसार में खोज करें और अपनी भावनाओं को व्यक्त करें।अगर आप और भावनात्मक उद्धरण(Emotional Quotes) पढ़ना चाहते हैं, तो हमारे पास वह भी है।
उजालो मैं मिल ही जाऊंगा कोई न कोई ग़ालिब,
तलाश उसकी करो जो अँधेरो मेरे साथ दे|
हम पास होकर भी दूर हो गए..
तुम दुरिया बढ़ाने के लिए गैरो को करीब ला रहे हो..
तोड़ दो मेरा दिल, मेरा क्या है बिगाड़ो गे,
तुम ही रहते हो इस मैं, अपना घर बिगाड़ो गे
खो गया हूं तुम्हारे ख्यालों में, क्या तुम्हें ख्याल है इस बात का..
उसकी डोली उठी मेरा जनाज़ा उठा
फुल उसपर भी थे
फुल मुझपर भी थे
सहेलियाँ उसकी भी थी
दोस्त मेरे भी थे
काजी उधर भी थे
मोलवी इधर भी थे
उनका हसना वाहा
हमारा रोना याहा
वो सजके गई
हमें सजाया गया
वो उठ कर गई
हमें उठाया गया
फिर फर्क सिर्फ इतनी बात का
उसे अपनाया गया हमें दफनाया गया|
और वफ़ाओं के सिलसिले कम ही मिले,
ख़ुशी के बदले गम ही मिले।
और एक बात समझ नहीं आई ग़ालिब,
क्या सबको दिल दुखाने को हम ही मिले"।
खामोशी से मतलब
नहीं मतलब बातों से है,
दिन तो गुज़र ही जाता है
मसला तो रातों से है !!
उनकी यादों में सोया करते हैं,
ये क्या सोहबत है, हम खुद रोया करते हैं।”
इश्क़ की गहराइयों में खोया हैं दिल,
उसके सिवाय ज़माने में रखा ही क्या है..."
ठंडा मौसम और हल्की बारिश और हाथों में उनका हाथ था
चार कदम साथ क्या चले
आंख खुली तो वो एक ख्वाब था..
तुम बिलकुल चाँद की तरह हो
नूर भी गुरुर भी और दूर भी|
चाँद की तुलना कभी कोई कर पाया है?
दाग होते हुए भी क्या कभी किसी जग को रोशन ने पाया है?
हां होगी दुनिया में लाखो खुबसूरत चीज मगर.
चाँद की बराबारी कहाँ कोई कर पाता है.... 🌙
एक वो ही तो था जो चाँद का बराबर था
उसका गालों का दाग भी मुझे गुलाब सा लाल लगा करता था
हां माना कि दुनिया में लाखो खुबसूरत चीजें हैं
पर उसका बराबर तो चाँद भी नहीं
शायद यहीं चलेगा तेरा मेरा रिश्ता उमर भर,
मिल गए तो बात लंबी और ना मिले तो याद लंबी
उस चांद में खो जाउ
मुझे कोई तारा नहीं है,
या फिर से मैं तेरा हो जाउ
मैं इतना आवारा नहीं हूँ,
तुम बिलकुल चाँद की तरह हो नूर भी, गुरुर भी, और दूर भी मैने की कोशिशें लाख आना चाहा तुम्हारे पास निभाना चाहता था उम्र भर का साथ टूटा ऐसा ना बची कोई आस"
और ये बात भी सच है अगर चाँद हासिल हो जाये तो वो चाँद कैसे हुआ।
वो रुकना चाहती थी
पर तुमने उसे जाने दिया
दिल थक रहा था उसका भी
पर उसने तुम्हारा हाथ छोड़ दिया ना दिया
कैसे भूल गए तुम
हर बार मुड़कर तुम्हारे पास वो आई थी
अपने साथ हर बार
एक नया मौका लाई थी
जिसने प्यार को जीने की वजह समझी थी
वो अब प्यार को ही बेवज़ह समझने लगी थी
पर इस बार वो समझ गई थी
इस दिल को वो समझ गई थी
दोबारा उन पन्नो को वो पलटना नहीं चाहती थी
फिर से अपने आप को किसी और को देके
खुद को वो खाना नहीं चाहती थी
रात भर चाँद से की तेरी तारीफ
चाँद इतना जल के सुबह तक जलता सूरज हो गया
अरे अब क्या कहे....हमें तो ना चाँद सा नूर है,
नहीं ही अपनी ख़ूबसूरती का गुरूर है,
फ़िर भी ना जाने क्यू वो शक्स हमसे इतना दूर है...
सब्र इतना राखो कि इश्क बेहुदा ना बने,
खुदा मेहबूब बन जाए, मेहबूब खुदा ना बने|
तेरी शिक़ायत ख़ुदा से करने बैठा था,
उसने पूछा ये वही है ना जिससे तू मरने बैठा था
कुछ इंतज़ार ऐसे होते हैं जिनमें,
शाम नहीं उमर गुज़र जाती है।
तेरी यादों को दफ़नाते दफ़नाते उमर बीत गई, कि तेरी यादों को दफ़नाते दफ़नाते उमर बीत गई
और जिस दिन तेरी यादों को दफ़ना दिया उस दिन मेरी मौत मुझसे जीत गई।
वो सजदा ही क्या
जिसमे सर उठाने का होश रहे
इजहारे इश्क क मजा तो तब है जब मै खामोश रहु
तू बेचैन रहे
कच्चे मकान सी मै और वो बारिश से याद आता है
तेरा गुरुर मेरे मोहब्बत से जीत गया
तेरे बिना एक और दिन बीत गया!
अपनों को मैंने कभी आजमाया नहीं,
जितना प्यार दिया सबको उतना कभी पाया नहीं,
मुझे लगता है मैं भी एक दिन याद तुझे आउगा!!
चलो छोड़ो शायद खुदा ने हमें वैसा नहीं बनाया!!
प्यार की राहों में, सब्र का रंग चढ़ा रहा हूँ,
तेरे इश्क में खो कर,
मेहबूब को खुदा और खुदा को मेहबूब दोनों बन रहे हैं|
तेरी तस्वीर से गिला है मुझे
ये मुझसे बात क्यों नहीं करती!
मत गुरुर कर अपने इन रिश्तों पर,
मत गुरुर कर अपने इन रिश्तो पर!
जिनको कभी खोने का डर नहीं था मुझसे,
जिनको कभी खोने का डर नहीं था मुझसे,
मैंने उनको अपनी एक याद बनते देखा है
कश्ती है पुरानी मगर,
दरिया बदल गया,
मेरी तलाश का भी तो,
ज़रिया बदल गया,
ना शकल बदली ना ही बदला,
मेरा किरदार,
बस लोगो को देखने का,
नज़रिया बदल गया”।
इश्क उसका ऐसा चढ़ा कि कोई नशा का असर नहीं रहा,
दुनिया बन गई वो और हमें दुनिया का खबर नहीं रहा
मगर जब उस बेवफा को हमारी मुहब्बत का कदर नहीं रहा,
हमें खुदा पर ऐतबार नहीं रहा और जीने का सब्र नहीं रहा
हम जी रहे हैं कोई बहाना किये बिना,
उसके बिना, उसकी तमन्ना किये बिना
एक उम्र गुज़रनी है मुझे उसके बिना,
एक लम्हा है कि मुझसे गुज़रा नहीं जाता
तुम्हारे बाद मोहब्बत को मैंने जब भी लिखा,
गुनाह लिखा|
ख्वाब देखता देखता ख्वाबों में वह रह गया कि ख्वाब देखता देखता ख्वाबों में वह रह गया
कि ख्वाबों को असलियात में बदल गया की असलियत वह ख्वाब देखता देखता बीता गया|
उसकी फितरत थी गैरो से बात करने की, क्योंकि मैंने भी शिकायतें छोड़ दी।
या चाहा उसने इस तरह की किसी या से दिल लगाना छोड़ दिया।
या तुम तो हमें जान जान कहा करते थे।
तो फिर इतनी सी बात पर अपनी जान को कैसे छोड़ दिया।
या जो उतरा है आज नजरों से कभी हमने उसकी नजर उतारी थी।
छोड़ो हमने तो वो रात नशे में गुजारी थी।
अकेले रहे या लोग रहे साथ में, क्या फर्क है
जब उनमें से कोई मुझे पसंद नहीं है
तुम्हारे बिना हम जी तो रहे हैं मगर जिंदा नहीं है।
तुम्हारे बिना ये वक्त ये दिन ये रात गुजारा नहीं जाता,
तुझसे बिछड़ा तो समझ आया किसी को हद से ज्यादा अपना मन नहीं जाता
रात भर जागते रहे, ख़यालों में खो जाते रहे,
उनकी यादों में डूबा, पर उन्हें बता ना पाये,
दिल की बात कैसे कहें,
जब लबों पे आवाज़ ना आये।
की राह देखेंगे तेरी चाहे जमाने लग जाए, जमाने लग जाए।
तब तक हां तो तू आजा यहां हम ठिकाने लग जाए, ठिकाने लग जाए...
हम मिले शायद किताबों में उन लम्हों को कैद कर लूं किताबों में
हम जी रहे हैं कोई बहाना किये बिना, उसके बिना, उसकी तमन्ना किये बिना
तुम तो मुझे मिल जाते, तुम तो मेरी पहली मोहब्बत भी नहीं थे
हम मिले शायद किताबों में उन लम्हों को कैद कर लूं किताबों में
दरार थी शीशे में हम खुद के अक्स को ढेक कर रोते रहे बंजार थी ज़मीन या हम बीज बोते रहे,,
एक झलक देख कर जिस शख्स की चाहत हो जाए उस शख्स को भी परदे में पहचान लिया जाता है
की ख़तम करना ही था रिश्ता तो इतना करीब आए क्यू थे
मुझे वे प्यार के अक्षर वे मोहब्बत के बताएंगे समझाए क्यू थे
आते ही नहीं जिंदगी में कश तुम तू फसाने की तरह
कि आते ही नहीं जिंदगी में कश तुम तू फसाने की तरह
तुमपे इतना भरोसा किया आख़िर तुम भी निकले ना इस ज़माने की तरह
नहीं है कोई वजह उदासी की
या ना ही कोई हमें मानाने को.
कुछ इस तरह से गुजर रही है जिंदगी..
वरना कोन जीता है सिर्फ मर जाने को..
खैर तुझ से तो राब्ता नहीं मुमकिन मेरा मगर, तेरे बारे में बातें अब रोज़ खुदा से होती है"
वक्त का हिसाब कौन रखता है तुम्हें याद करते हुए
.तुम्हें याद करने के लिए बस पल्को का बंद हो जाना ही काफी है
कि अब इस दिल को कौन समझे,
कि ये रातें सोने के लिए होती हैं रोने के लिए नहीं
कुछ ज़ख्मों के कर्ज़ लफ्जों से अदा नहीं होते
"इबादतो मैं मसरूफ है सभी आजकल दिलों को तोड़ कर सजदो मैं रोया जा रहा है
तोड़ दो किसी और के सांसो की माला, किसी और के जिंदगी में पिरोया जा रहा है|"
अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिसने भी मोहब्बत की,
मरने की दुआ मांगी जीने की सजा पाई
हर दुआ में नाम भी उसका ह ग़ालिब,
जिसने दिल तो दूर की बात हमने अपने ज़ेहन में भी न आने दिया
मेरे शामो का एक सवेरा है,
मैं हकीकतों से हारा हूं लेकिन..मेरे ख्वाबों में वो मेरा है
इन अंजानो के बीच बस तुम्हे ही तो मैंने जाना था |
इस पराई दुनिया में बस तुम्हे ही तो मैंने अपना माना था |
अगर हम मिले थे.. खुदा ने ही मिला होगा..
एक अंजान युही ना जान बना होगा
इतने अंधे हो गए थे इंसान को भगवान बना दिया,
जो आंखें खुली तो रोशनी ना सह पाई
मैंने बहुत मोहब्बत की है उससे...मेरा खुदा बन गया वो..
मेरी जान उससे मैं बस गई फिर मुझे लाश बना दिया वो
ना खुदा से शिकवा रखता हूं, ना इंसान से उम्मीद रखता हूं,
मोहब्बत के सफर में अकेला निकलने में,
ना हार ने की ना जीत ने की बात करता हूं...
किसी या का ख्याल आया वह नहीं,
मैंने एक शख्स को जब चाहा तो फिर हद कर दी।
और फिर मेरी दुनिया ख़त्म होने लगी,
मै एक ही शक्स को कुल कायनात समझ बैठा था
हमसे हद को अपना मकसद बना कर मै
बे-ग़ैरत ग़ुम रह रहा हूँ
तेरे नशे में
माई अब तलक झूम रहा हूं
तुझे क्या करुंगा पाके
जब तू ना मुझे हासिल है,
तुझे क्या करूंगा दिखा के
जब ये दिल ही ना तेरे काबिल है,
अगर इश्क है इस इश्क पर,
तो जा पुछ ले उस खुदा से
तू आज भी मेरी दुआओ में शामिल है..
किसी और का ख्याल आया ही नहीं,
मैंने एक शक्स को जब चाहा तो फिर उसके सिवा कोई नज़र आया ही नहीं
दिल टूट कर बिखर गया पर हम बवाल क्यों करें
जब खुदकी पसंद हाय बेवफा निकला तो सवाल क्यों करें।
कहां वक्त मिलता है किसी और का ख्याल लाना,
हम तो इश्क की मरिज है जिंदगी संभालने की दुआएं करते हैं....
तू मिले कहीं, इसी आस में,
मौत आ गई मेरे पास से।
हमारे पास ना सही मगर साथ रहा करो,
कि हम तुम्हारे अनमोल ना सही पर गैर कभी ना हो.
तुम जहाँ भी हो हमें अपने दिल में रखा करो,
ताकि हम बहार घुमते फिरे पर बेघर कभी ना हो
तू अपना हर जन्म मेरा लिख दे,
तू अपना हर धर्म मुझ तक रख दे,
तू अपने दर्द की सियाही,
मेरे किताबों में भरदे,
अगर अब भी शक है इस दिल पे,
तो चल मेरा नाम मोहब्बत रखदे..
कोई बेफिकर सोता रहा, कोई बेहिसाब रोता रहा।
माना के तुम बहुत दूर रहते हो मुझसे, पर एक बार मुझपे हक़ जताने तो आ,
मेरी घुमगिन जिंदगी में आंसुओं तो बोहत है, तू कुछ देर हसने के लिए आ,
पता है कि तुम मुझे भूल चुके हो, पर क्या? मुझे तुम याद हो, ये पूछने के लिए आ,
तू मुझे इतना सा भी हासिल नहीं, फिर तू मुझसे बिछड़ जाने के लिए आ,
मर रहा हूं तेरे इंतजार में ×2, तू मुझे जिंदा रखने के लिए आ...।
ख़ूबसूरती तो देखने वालों की आँखों में होती है,
उसने प्यार से देखा तो में आबाद नज़र आई
और जब उसका दिल किसी और पर आ गया,
तब तो में उसे सिर्फ बरबाद नज़र आई
बदला बदला सा है मिजाज़ क्या बात हो गयी है,
शिक़ायत हमसे है या किसी और से मुलाक़ात हो गई है|
यूं खुद से नफ़रत करते हो, खुद के लिए मोहब्बत तलाशते हो, ग़ालिब तुम भी बड़ा कमाल करते हो|
वो इंसान था मगर मेरे इश्क ने उसे खुदा बना दिया...पहले मेरे जिस्म में जान भारी और फिर उसने मुझे मुर्दा बना दिया
एक अजीब सी हलचल है तेरे संग, तुझे देख भी लेते या तुझे देखे बिना रहा भी नहीं जाता।
मर गए हैं उसके बिना और उसे खबर तक भी न होने दिया
उसके चेहरे पर इस कदर नूर था, उसकी यादों में रो ना मंजूर था बेवफा भी नहीं कह सकते हम उसको...मोहब्बत तो हमने की थी वो बेकसूर था
आज ख़ुदा ने मुझसे पूछा उसे भुला क्यों नहीं देते
मैंने कहा इतना फ़िक्र है तो मिला क्यू देते!”
वो खुश है पर शायद हमसे नहीं,
वो नाराज़ है पर शायद हमसे नहीं
कोन कहता है उनके दिल में मोहब्बत नहीं, मुहब्बत है पर शायद हमसे नहीं
सुनो ऐसा नहीं करते,
जो तुमसे खफा हो जाए उसे भुलाया नहीं करते,
जो तुमपे ऐतबार करे, उसे गुमराह नहीं करते,
मोहब्बत में मुसाफिरो की तरह भटका नहीं करते,
सुनो ऐसा नहीं करते
तेरे चेहरे की वो ख़ूबसूरत तस्वीर कहा से लाऊ,
हर लम्हा तेरे साथ गुजरे, ऐसी तकदीर कहा से लाऊ?,
मैं मांगता हूं हर सफर में तेरा साथ!
अब तू ही बता मेरे हाथों में वो लकीर कहा से लाऊ
वो रोया बहुत, जैसे मुझसे मुँह मोड़ के रोया,
कोई तो मजबूरी होगी जो दिल तोड़ के रोया
,मेरे सामने कर दिए उसने मेरी तस्वीर के टुकड़े
पता चला मेरे बाद वो उन्हें जोड़ के रोया
खामोशी से मतलब
नहीं मतलब बातों से है,
दिन तो गुज़र ही जाता है
मसला तो रातों से है !!
मोहब्बत नहीं थी तो कह देना था ना
यूं परेशान तो साथ भी देना था ना
बातें कम हैं मुलाकातें बंद हैं
जमाने से डरते थे तो बता देना था ना
तेरी आँखों में ये नाराज़गी भी बहुत हसीं लगती है,
तेरे ज़ुबान से निकली दांत भी बहुत मीठी लगती है।
डाटने के बहाने ही बात करो मुझसे,
तुम्हारी खामोशी बहुत बुरी लगती है।
सजदे में रोया करो किसी या कि चोखट पर नहीं
जिंदगी नहीं किसी के लिए जिंदगी है नबी की नबी के लिए और
नासमझ मरते है जिंदगी के लिए जीना और मरना सब नबी के लिए
ना जाने कैसी नज़र थी उनकी,
जब से उस नज़र ने इस नज़र को जिस नज़र से देखा
तब से इस नज़र ने किसी या नज़र को उस नज़र से आज तक ना देखा|
कहा से लौ वो लफ़्ज़ जो तुझे सुना दे, दुनिया देखे चाँद को मुझे सिर्फ तू दिखा दे
This Is my Favarite Line Read Here..
समंदर को क्या गम है बता भी नहीं सकता,
पानी बनके आंखों में आ भी नहीं सकता,
तू छूट गया तो इसमें तेरी क्या खता,
हर कोई मेरा साथ निभा भी नहीं सकता,
तू काहे तो एक कतरे में बह जाऊ...तू कहे तो एक कतरे में बह जाऊ,
वरना तो कोई तूफान भी मुझे हिला नहीं सकता
छोड़े भी नहीं हाथ मेरा,
और थमते भी नहीं,
ये कैसी महोब्बत है तुम्हारी,
गैर भी नहीं कहते और,
हमें अपना मानते भी नहीं...!
हम तो तेरी हर ख्वाहिश पूरी करने की दुआ कर बैठे.
हमें क्या मालूम था हमें भूल जाना भी तेरी ख्वाहिश थी